PMFBY – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025

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PMFBY क्या है? – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पूरी जानकारी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत 18 फरवरी 2016 को भारत सरकार के कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा की गई थी। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाएं (ओलावृष्टि, सूखा, बाढ़), कीट एवं रोगों के कारण होने वाले फसल नुकसान से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

PMFBY एक किफायती बीमा योजना है, जिसमें किसानों को बहुत कम प्रीमियम पर बीमा सुरक्षा मिलती है। योजना के अंतर्गत 50 करोड़ से अधिक किसान और 50+ फसलें कवर की जाती हैं।


PMFBY के उद्देश्य (Objectives)

  • फसल नष्ट होने की स्थिति में आर्थिक सहायता देना
  • किसानों की आय को स्थिर बनाना और खेती जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना
  • आधुनिक और वैज्ञानिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करना
  • फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों की ऋण क्षमता बढ़ाना
  • कृषि क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा और विकास को मजबूत करना

PMFBY के लाभ (Benefits)

  • 🔸 सस्ती प्रीमियम दरें:
    • खरीफ फसल पर: 2%
    • रबी फसल पर: 1.5%
    • वार्षिक/व्यावसायिक बागवानी फसलों पर: 5%
    • पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सरकार पूरी प्रीमियम देती है
  • 🔸 व्यापक कवरेज:
    • प्राकृतिक आपदाएं, कीट और रोग, फसल की कटाई के बाद नुकसान भी कवर
  • 🔸 समय पर मुआवज़ा:
    • फसल कटाई के दो महीने के भीतर दावा निपटारा
  • 🔸 तकनीक आधारित प्रक्रिया:
    • सैटेलाइट, ड्रोन, मोबाइल ऐप आदि का उपयोग कर फसल क्षति का सटीक मूल्यांकन

PMFBY में कवर किए जाने वाले जोखिम (Risks Covered)

  1. खड़ी फसल की क्षति (Yield Losses):
    • आग, बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, बाढ़, कीट, सूखा आदि
  2. बुवाई में रुकावट (Prevented Sowing):
    • यदि मौसम के कारण बुवाई नहीं हो पाती, तो बीमित राशि का 25% तक मुआवज़ा
  3. फसल कटाई के बाद नुकसान (Post-Harvest Losses):
    • “कट और फैलाया गया” अवस्था में 14 दिनों तक की सुरक्षा, जैसे चक्रवाती वर्षा
  4. स्थानीय आपदाएं (Localized Calamities):
    • ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव आदि

PMFBY की पात्रता (Eligibility)

  • सभी किसान, बटाईदार और किरायेदार, जो अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाते हैं
  • किसान का बीमित फसल में “बीमा रुचि” होना आवश्यक है
  • वैध भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र या वैध किरायेदारी अनुबंध होना चाहिए
  • बुवाई सीज़न शुरू होने के 2 सप्ताह के अंदर आवेदन करना होगा
  • एक ही नुकसान के लिए किसी और माध्यम से मुआवज़ा नहीं लिया हो

PMFBY में शामिल नहीं होने वाले अपवाद (Exclusions)

  • गैर-अधिसूचित क्षेत्र में फसल नुकसान
  • फसल चक्र के बाहर हुआ नुकसान
  • किसान की लापरवाही या कृषि नियमों का पालन न करना
  • बीमित सीमा से अधिक नुकसान
  • प्रीमियम का भुगतान न करना

PMFBY आवेदन प्रक्रिया (Application Process)

🔹 ऑनलाइन आवेदन (Official Website से)

  1. वेबसाइट: pmfby.gov.in पर जाएं
  2. “Farmer Corner” > “Guest Farmer” चुनें
  3. रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें: नाम, आयु, पते, आईडी, बैंक डिटेल आदि
  4. “Farmer Corner” > “Login for Farmer” से लॉगिन करें
  5. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें, सबमिट करें
  6. भुगतान करें (Pay Later या Make Payment)
  7. भुगतान की रसीद प्रिंट करें

👉 Track Application: होमपेज पर ‘Application Status’ से ट्रैक कर सकते हैं


🔹 ऑफलाइन आवेदन (बैंक/बीमा ऑफिस के माध्यम से)

  1. नजदीकी बैंक/बीमा कार्यालय जाएं
  2. फॉर्म प्राप्त करें, भरें और फोटो चिपकाएं
  3. दस्तावेज़ संलग्न करें और शुल्क जमा करें
  4. आवेदन संख्या प्राप्त करें

🔹 CSC (Common Service Centre) के माध्यम से

  1. नजदीकी CSC सेंटर जाएं
  2. VLE को योजना के लिए आवेदन करने को कहें
  3. ज़रूरी जानकारी और दस्तावेज़ दें
  4. प्रीमियम भुगतान करें
  5. रसीद प्राप्त करें और संपर्क विवरण नोट करें

PMFBY के लिए आवश्यक दस्तावेज़

  • पासपोर्ट आकार की फ़ोटो
  • पासबुक की कॉपी
  • पहचान पत्र (आधार, PAN, वोटर ID, जॉब कार्ड आदि)
  • पता प्रमाण (बिजली बिल, आधार, बैंक पासबुक आदि)
  • भूमि का प्रमाण (RoR, LPC, किरायेदारी अनुबंध आदि)
  • बीजाई की घोषणापत्र (Declaration of crop sown)

PMFBY – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. क्या किरायेदार किसान बीमा के लिए आवेदन कर सकता है?

हाँ, यदि आपके पास वैध किरायेदारी अनुबंध है।

2. कटाई के बाद वर्षा से हुई क्षति का मुआवज़ा मिलेगा?

हाँ, यदि फसल “कट और फैलाया गया” अवस्था में थी और चक्रवात/बारिश से नुकसान हुआ।

3. खरीफ धान पर प्रीमियम कितना है?

किसान को केवल 2% भुगतान करना होता है। शेष सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में कवर किया जाता है।

4. सूखा पड़ने पर बुवाई नहीं हो पाई, तो क्या मुआवज़ा मिलेगा?

हाँ, 25% तक का मुआवज़ा मिलता है।

5. हिमाचल प्रदेश में सेब की फसल पर प्रीमियम देना होगा?

नहीं, वहां पूरी प्रीमियम राशि सरकार देती है।

6. क्या स्थानीय आपदा जैसे भूस्खलन पर मुआवज़ा मिलता है?

हाँ, यदि नुकसान अधिसूचित क्षेत्र में है।

7. दावा कब तक निपट जाता है?

फसल कटाई के दो महीने के भीतर।

8. बैंक लोन लेने वाले किसान को आवेदन करना पड़ेगा?

हाँ, बीमा अनिवार्य है लेकिन बैंक से पुष्टि ज़रूरी है।

9. ऑनलाइन भुगतान में दिक्कत हो तो क्या करें?

निकटतम CSC या बैंक में जाकर भुगतान करें। स्क्रीनशॉट संभालकर रखें।

10. एक बार रजिस्ट्रेशन कर लिया, दोबारा करना होगा?

नहीं, पर हर सीज़न के लिए नया आवेदन और भुगतान ज़रूरी है।

11. अगर CSC ऑपरेटर ने गलत जानकारी भरी तो?

सबमिट से पहले जाँच करें, रसीद और कॉपी सुरक्षित रखें।

12. अगर मूल्यांकन से असंतुष्ट हूं तो क्या करूं?

7 दिन के भीतर पोर्टल या कृषि अधिकारी के पास अपील करें।

13. क्या जंगली जानवरों द्वारा नुकसान कवर होता है?

नहीं, लेकिन प्राकृतिक आग का नुकसान कवर होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

PMFBY भारतीय किसानों के लिए एक सशक्त कवच है, जो खेती को आपदाओं के जोखिम से बचाता है। कम प्रीमियम, व्यापक कवरेज और तकनीकी प्रक्रिया इसे एक भरोसेमंद योजना बनाती है। यदि आप किसान हैं, तो समय रहते इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी फसल को सुरक्षित करें।

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