⭐⭐⭐⭐⭐ (4.8/5)
ओवरव्यू:
TVF और Amazon Prime Video की सबसे प्यारी सीरीज़ “Panchayat” का चौथा सीज़न दर्शकों के दिलों को एक बार फिर छू गया है। फुलेरा गांव की सादगी, ग्रामीण राजनीति की चालें और अभिषेक त्रिपाठी की दुविधा – इस सीज़न में सब कुछ पहले से ज़्यादा दमदार और इमोशनल है।
कहानी में क्या है खास:
सीज़न 4 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ तीसरा सीज़न खत्म हुआ था — अभिषेक का ट्रांसफर, गाँव में उपचुनाव, और बिनोद के आने से माहौल में आए नए ट्विस्ट।
इस बार फोकस सिर्फ अभिषेक की नौकरी पर नहीं बल्कि ग्राम प्रधान मंजू देवी, विकास, प्रह्लाद और पंचायत सचिव के रिश्तों और राजनीतिक समीकरणों पर भी है। दोस्ती, विश्वासघात, और गाँव की राजनीति का ऐसा चित्रण आपने पहले नहीं देखा होगा।
अभिनय:
- जितेंद्र कुमार (अभिषेक) ने इस बार भी अपनी संजीदगी से दिल जीत लिया है।
- नीना गुप्ता (मंजू देवी) और रघुवीर यादव (धरमवीर) की केमिस्ट्री इस सीज़न में और भी मज़बूत लगी।
- फैसल मलिक (प्रह्लाद) की इमोशनल परफॉर्मेंस इस बार सीज़न की जान रही।
डायरेक्शन और स्क्रिप्ट:
Deepak Kumar Mishra का निर्देशन पहले से भी ज़्यादा परिपक्व है। गांव का असली वातावरण, हल्के-फुल्के हास्य के साथ गहरी सामाजिक और राजनीतिक बातें — ये सब स्क्रिप्ट को कमाल बनाते हैं। पंचायती राजनीति की बारीकियां इतनी असली लगती हैं कि मानो दर्शक खुद फुलेरा में रह रहे हों।
सबसे दमदार पल:
- प्रह्लाद की निजी भावनाओं से जुड़ी एक इमोशनल क्लाइमेक्स सीन।
- विकास और अभिषेक के बीच का मज़ाकिया लेकिन भावुक रिश्ता।
- लास्ट एपिसोड का ट्विस्ट – जिसने सीज़न 5 की उम्मीदें जगा दी हैं।
म्यूजिक और सिनेमैटोग्राफी:
बैकग्राउंड स्कोर और गांव की लोकेशन की शूटिंग बहुत नेचुरल है, जो हर सीन को रियलिस्टिक बनाती है।
क्यों देखें Panchayat Season 4?
- गांव की जिंदगी का सच्चा और दिल को छूने वाला चित्रण।
- जबरदस्त कहानी, शानदार अभिनय और गहरी सामाजिक समझ।
- कोई फालतू ड्रामा नहीं, सिर्फ दिल से जुड़ी कहानियां।
निष्कर्ष (Conclusion):
“Panchayat Season 4” सिर्फ एक वेब सीरीज नहीं, बल्कि भारत के छोटे गाँवों की ज़िंदगी का आईना है। अगर आप रियल कंटेंट पसंद करते हैं, तो ये सीरीज़ एकदम मिस मत कीजिए।
🎬 रेटिंग: 4.8/5
❤️ सीज़न 5 का इंतज़ार अब और भी बेसब्री से होगा!